क़सूर था बस मेरा इतना, थाम अरमानो की डोर हवा में उड़ते रहना। पापा की परी बन, ताज सम् क़सूर था बस मेरा इतना, थाम अरमानो की डोर हवा में उड़ते रहना। पापा की परी ब...
एक ज़िंदा दिल की कहानी लिखे जा रहा हूँ! एक ज़िंदा दिल की कहानी लिखे जा रहा हूँ!
उन्हीं को प्यार से नाम देते हम व्यवहार हैं। उन्हीं को प्यार से नाम देते हम व्यवहार हैं।
कठपुतलियों के कारण ही तो दिखने लगा सामाजिक ढंग। कठपुतलियों के कारण ही तो दिखने लगा सामाजिक ढंग।
जब तक वो तुम में जीवित है सब जन उससे पीड़ित है जब तक वो तुम में जीवित है सब जन उससे पीड़ित है
तो मनुष्य होने पर गर्व कहाँ ! उच्च कोटी एहसास कहाँ ? तो मनुष्य होने पर गर्व कहाँ ! उच्च कोटी एहसास कहाँ ?